प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) तथा द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के परिणाम स्वरूप होने वाली जानमाल की हानि से कई देशों का विचार आया की विश्व में एक ऐसा संघ होना चाहिए जो आगे होने वाले युद्धों को रोक सके। इसी के परिणाम स्वरूप 26 जून 1945 को सेन फ्रांसिस्को में 50 देशों ने चार्टर पर हस्ताक्षर किए तथा कुछ समय पश्चात पोलैंड ने भी इस पर हस्ताक्षर किए और इस संयुक्त राष्ट्र का निर्माण 51 संथापकों देशों द्वारा हुआ। यह चार्टर 24 ओक्तंबर 1945 को लागू हुआ। वर्तमान में इस संयुक्त राष्ट्र मे कुल 193 देश शामिल है।
- 3 नवंबर 1948 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री प. जवाहरलाल नेहरे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया।
- इस संस्थान के प्रमुख कार्य: अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति बनाए रखना, मानवाधिकारों की सुरक्षा, मानवीय सहायता प्रदान करना, सतत् विकास को बढ़ावा देना, अंतरराष्ट्रीय कानून को बढ़ावा देना, जलवायु परिवर्तन, लोकतंत्र, रेफ्यूजी और अप्रवासी, वैश्विक मुद्दे, वैश्विक स्वास्थय संकट आतंकवाद से मुकाबला आदि वैश्विक मुद्दों पर यह संस्थान कार्य करती है।
- इस संस्थान के अंतर्गत अन्य कई संस्था हैं, जो इन वैश्विक मुद्दों पर कार्य करती हैं।
- महासभा
- सुरक्षा परिषद
- आर्थिक और सामाजिक परिषद
- न्याय परिषद
- अंतरराष्ट्रीय न्यायलय
- सचिवालय
1. महासभा
- संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य महासभा के सदस्य होते है। यह संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख प्रतिनिधि अंग है जो नीति निर्माण, विचार विमर्श संबधी कार्यों के लिए जवाबदेह है। प्रतिवर्ष सितंबर महीने में इसका सम्मेलन होता है। महासभा में अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा, नए सदस्यों का प्रवेश तथा बजट आदि पर बहुमत से निर्णय होता है।
2. सुरक्षा परिषद
- संयुक्त राष्ट्र का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है, यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना इसकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी है। इसके निर्णय को सदस्यों देशों के लिए मानना अनिवार्य है। इसके निर्णय बहुमत के आधार पर लिए जाते है। सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों के लिए एक वोट निर्धारित है।
- सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य होते है, जिनमे से 5 स्थाई व 10 अस्थाई सदस्य, 5 स्थाई सदस्यों के पास वीटो पॉवर होती है, जिसके अंतर्गत यदि इन 5 देशों में से कोई किसी मुद्दे पर वीटो करता है तो वह मुद्दा चर्चा में नही लाया जाता अर्थात् वह मुद्दा निरस्त हो जाता है।
- 5 स्थाई सदस्य: अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन
- 10 अस्थाई 2 वर्ष के लिए चुने जाते है।
3. आर्थिक एवं सामाजिक परिषद
- इसमें 54 देश शामिल है, यह एक स्थायी संस्था है परंतु इसके एक तिहाई सदस्य प्रतिवर्ष बदलते है। यह निकाय अपना कार्य विशेष प्रकार के आयोग, समितियों और संस्थानों की मदद से करता है।
- नीति समीक्षा और नीति वार्ता के लिए जिम्मेदार है। यह आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर सिफारिश करती है। विकास लक्ष्यों के कार्यों को पूर्ण करने का प्रमुख निकाय। सतत् विकास पर विचार के लिए प्रमुख केंद्रीय मंच है।
4. न्यास परिषद
- यह निकाय सुरक्षा परिषद् के 5 स्थयी सदस्यों से मिलकर बनी संस्थान है। जिसका काम विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों की सहायता इसका मुख्य कार्य है।
5. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय
- संयुक्त राष्ट्र का एक अन्य महत्वपूर्ण न्यायिक अंग, इसमें 15 न्यायाधीश होते है, जिनका कार्यकाल 9 वर्ष होता है। पीस पैलेस, द हेग (निदरलैंड) में इसका मुख्यालय है। कानूनी प्रश्नों पर संयुक्त राष्ट्र को सलाह देना इसका एक प्रमुख कार्य है।
6. सचिवालय
- सचिवालय का प्रमुख महासचिव कहलाता है, महासचिव की नियुक्ति 5 वर्ष की अवधि के लिए होती है। महासचिव संगठन का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होता है। इसका प्रमुख कार्य संयुक्त राष्ट्र के प्रतिदिन के कार्यों को निपटाना होता है।
वर्तमान में यह संस्थान कई प्रकार की आलोचनाओं को सामना कर रहा है, कई लोगो का मानना है कि यह संस्थान रूस यूक्रेन युद्ध को रुकवाने में असफल रहा है, तथा इसके साथ कई लोगों का मानना है कि इस संस्थान में परिवर्तन की आवश्यकता है क्योंकि 1945 की परिस्थितियां और अब की परिस्थितियां में बहुत परिवर्तन है, इसके स्थाई सदस्यों में अब भारत, जापान, ब्राजील और जर्मनी जैसे प्रभावशाली देशों को भी सदस्य होना चाहिए।
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